शुक्रवार, 12 अप्रैल 2013

बातें हैं इन बातों का क्या ..!

         वास्तव में ये बातें हैं इन बातों  का क्या ...! अन्नाहजारे हों चाहे केजरीवाल हों या कोई और अन्य हो इनकी तमाम बातें हैं पर  इन बातों का क्या ...! है कोई ध्यान देने वाला ..? हाँ एक बात देखने में आ रही है, आजकल कार बाजार की मार्केट  बहुत गिर गई है ....। आर्थिक समीक्षक इसके चाहे जो कारण समझते हों लेकिन कार बाजार के उठने और गिरने का सीधा संबंध भारत सरकार की आर्थिक नीतियों से नहीं बल्कि भारत सरकार की चलाई जा रही तमाम विकास की योजनाओं से है, इन योजनाओं के लिए जारी धन और योजनाओं के क्रियान्वयन के तरीकों पर ही ऐसे बाजारों का उठना-गिरना निर्भर करता है। केवल कार-बाजार ही नहीं अन्य कई तरह के बाजार इन्हीं योजनाओं से अपनी उर्जा ग्रहण करते हैं, उस पर निर्भर होते हैं ....! शायद हम योजनाए भी तो बाजार को ही ध्यान में रखकर बनातें हैं ...! और ढिढोरा हम अपनी आर्थिक नीतियों का पीटते हैं ...। आखिर क्या कर लेंगे अन्नाहजारे या केजरीवाल अपनी बातों से ....! हम तो बाजार की ओर चले .....।   

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